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बैतूल:- राष्ट्रीय हिंदू सेना और पुलिस की संयुक्त दबिश में गोवंश तस्करी का बड़ा रैकेट उजागर कत्लखाने ले जाने के लिए जंगल में रस्सियों से बंधे थे 26 गोवंश

Betul:- In a joint raid by Rashtriya Hindu Sena and police, a big racket of cow smuggling was exposed. 26 cows were tied with ropes in the forest to be taken to the slaughterhouse.

बैतूल:- जिले के चुनालोहमा क्षेत्र में ताप्ती नदी किनारे के जंगल में राष्ट्रीय हिंदू सेना की सक्रियता और पुलिस के संयुक्त प्रयास से गोवंश तस्करी का एक बड़ा रैकेट उजागर हुआ है। यहां झाड़ियों और नालों में छिपाकर क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए भूखे-प्यासे 26 नग गोवंश को रस्सियों से बांधकर रखा गया था। गोतस्कर महाराष्ट्र के कत्लखानों में इन्हें ले जाने की फिराक में थे, लेकिन इससे पहले ही संगठन और पुलिस की दबिश में उनकी पूरी साजिश नाकाम हो गई।
1. राष्ट्रीय हिंदू सेना के प्रदेश अध्यक्ष दीपक मालवीय ने बताया कि जिले में महाराष्ट्र के गोतस्कर सक्रिय हैं, जो भोले-भाले किसानों को झांसे में लेकर उनसे गोवंश खरीदते हैं और फिर कत्लखानों में बेच देते हैं। अब यह तस्कर गोवंश को पैदल जंगल के रास्तों से ले जाकर तस्करी कर रहे हैं। संगठन के जिला अध्यक्ष अनुज राठौर ने बताया कि प्रदेश संयोजक पवन मालवीय को सूचना मिली थी कि कुछ तस्कर गाय, बछड़ों और बैलों को चुनालोहमा क्षेत्र के ताप्ती नदी के किनारे जंगल में क्रूरता से बांधकर रखे हुए हैं। सूचना को गंभीरता से लेते हुए पवन मालवीय ने तत्काल पुलिस अधीक्षक को जानकारी दी और फिर पुलिस एवं संगठन के सदस्य जंगल की ओर रवाना हुए।
– घनी झाड़ियों के बीच बंधे थे गोवंश:-
विभाग अध्यक्ष दीपक कोसे ने बताया कि जंगल के अंदर घने पेड़ों और झाड़ियों के बीच 7 गाय, 2 बछड़े और 16 बैलों को अलग-अलग स्थानों पर भूखे-प्यासे रस्सियों से बांधकर रखा गया था। इन सभी को पुलिस की मदद से सुरक्षित निकालकर एक स्थान पर एकत्रित किया गया। इस कार्रवाई के दौरान तस्कर पुलिस को देखकर जंगल में भाग गए। जगह-जगह रस्सियों से बंधे स्थान, पगडंडियों पर बड़े वाहनों के टायर के निशान और नालों के भीतर जानवरों को छिपाकर रखने की तैयारी इस बात का पुख्ता सबूत थे कि यहां से गोवंश को बड़ी गाड़ियों में भरकर महाराष्ट्र के कत्लखानों में भेजा जा रहा था।
– डोक्या के जंगल में लंबे समय से रैकेट सक्रिय:-
विभाग सह मंत्री राजा चौहान ने बताया कि चुनालोहमा के डोक्या के जंगल में लंबे समय से यह रैकेट सक्रिय था। झाड़ियों और नालों में रस्सियों से बांधकर जानवरों को छिपाने के जो सबूत मिले हैं, उससे साफ है कि यह योजनाबद्ध कुकर्म है। विभाग युवा सह संयोजक नितेश मस्हकी ने बताया कि जंगल में जहां जानवर रखे गए थे, वहां बड़ी गाड़ियों और पिकअप के टायरों के स्पष्ट निशान मिले हैं, जिससे साफ है कि यह क्षेत्र कत्लखाने तक तस्करी का मुख्य मार्ग बन चुका था। इस पूरे अभियान में विभाग सुरक्षा प्रमुख कमलेश खड़िया, प्रांत मीडिया प्रमुख सुरज खड़िया, विभाग उपाध्यक्ष राजा बारस्कर, विभाग सह मंत्री गंगाधर रफ्तार, नगर महामंत्री बिट्टू गोयल, प्रखंड मंत्री अरविंद मासोदकर, बललू कहार और सुनील विश्वकर्मा की अहम भूमिका रही।

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