बैतूल:- आओ चुपके से खुशियां रख आए उनके सिरहाने पे, जिन्हें वर्षों लगे हैं मुस्कुराने में, थेलेसिमिया दिवस पर साझा किया मासूमों का दर्द दर्द बताने बन रही फिल्म
Betul: Let us secretly place happiness on the bedside of those who took years to smile; pain of the innocents was shared on Thalassemia Day; a film is being made to depict the pain

बैतूल:- 7 मई को जिला चिकित्सालय में थेलेसिमिया दिवस के एक दिन पूर्व शिशु वार्ड में भर्ती थेलेसिमिया और सिकलसेल से पीड़ित मासूमों का दर्द साझा करने मां शारदा सहायता समिति बैतूल की टीम पहुंची। समिति के शैलेंद्र बिहारिया ने बताया कि मासूमों से दर्द साझा करने पर सभी की पलकें भीग गईं।
कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉक्टर जगदीश घोरे, श्रीमती सुषमा गवली (जिला नेहरू युवा केंद्र समन्वयक), डॉक्टर अंकिता सीते, समाजसेवी रमेश भाटिया, संरक्षक संजय शुक्ला, मां शारदा सहायता समिति के अध्यक्ष पिंकी भाटिया, जिला मंत्री पंजाबराव गायकवाड, समाजसेवी रोहित देशपांडे, निमिषा शुक्ला, तूलिका पचौरी, समाजसेवी सरिता राठौर, कृष्णा अमरुते, सत्येंद्र नागले, प्रकाश बंजारे, दीप मालवीय, निमिष मालवीय, डॉक्टर सागर बिंझाड़े, इंदी अहलूवालिया, खेल विभाग से बंखेड़े जी, झारबड़े जी, राजेश बोरखड़े, प्रकाश करोसिया ने मासूम बच्चों को ड्राय फूड, पोषण आहार, फल और खेल सामग्री बांटी। इस अवसर पर थेलेसिमिया की रोकथाम हेतु शपथ भी ली गई। सभी ने मासूमों के पास पहुंचकर थेलेसिमिया से होने वाले दर्द को साझा किया। 80 बार रक्तदान कर चुके पिंकी भाटिया ने भी अपना जन्मदिन बच्चों को खेल सामग्री बांटकर मनाया। उन्होंने कहा, केक नहीं, मासूमों का दुख काटें। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉक्टर जगदीश घोरे ने समिति के कार्यों की प्रशंसा की और कहा, निश्चित रूप से संस्था ने रक्तदान के क्षेत्र में क्रांति लाई है। श्रीमती सुषमा गवली, जिला युवा अधिकारी, नेहरू युवा केंद्र बैतूल ने कहा, मां शारदा सहायता समिति बैतूल द्वारा अनूठी पहल की जा रही है, जिसका उदाहरण आज साक्षात देखने को मिल रहा है कि रक्त कोष में लोग हर्ष उल्लास से रक्तदान कर रहे हैं।
1. समाजसेवी रमेश भाटिया ने समिति को रक्तदान की मातृ संस्था बताया। उन्होंने कहा, शारदा समिति ने लोगों को रक्तदान करना सिखाया है। इस अवसर पर पंजाबराव गायकवाड ने कहा, मासूमों के जीवन पर रेड डोनेशन फिल्म का पार्ट 2 बनाया जा रहा है, जो इन बच्चों का दर्द बताएगी।