खैरा गांव में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही बनी दो मौतों की वजह: जामवंत सिंह कुमरे
जयस प्रदेश संयोजक ने सौंपा कलेक्टर को ज्ञापन, दोषी स्वास्थ्य कर्मियों पर कार्रवाई की मांग

बैतूल सतपुड़ा अंचल। जिले के भीमपुर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम खैरा में वृद्ध और 10 वर्षीय बालिका की मौत के मामले को लेकर जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) के प्रदेश संयोजक जामवंत सिंह कुमरे ने बैतूल कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें दोषी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई कर पीड़ित परिवार को दस लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की गई है।
ज्ञापन में बताया गया कि ग्राम खैरा निवासी भोगीलाल बारस्कर के चाचा हिरा बारस्कर, उम्र 65 वर्ष को 7 अप्रैल 2025 को अचानक उल्टी-दस्त की शिकायत हुई। उन्हें इलाज के लिए सबसे पहले खैरा स्थित उपस्वास्थ्य केन्द्र ले जाया गया, लेकिन वहां स्वास्थ्य केन्द्र बंद मिला और ताले लगे थे। इसके बाद उन्हें मोहटा के उपस्वास्थ्य केन्द्र ले जाया गया, जहां से कर्मचारियों ने इलाज करने की बजाय उन्हें भीमपुर ले जाने की सलाह दी और एम्बुलेंस देने से भी मना कर दिया। मजबूरी में परिजन अपने साधन से उन्हें परतवाड़ा ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही हिरा बारस्कर की मृत्यु हो गई।
यही नहीं, मृतक की 10 वर्षीय पोती को भी उसी दिन उल्टी-दस्त की शिकायत हुई थी, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने उसका भी उपचार नहीं किया। अगली सुबह 8 अप्रैल को उसकी भी इलाज के अभाव में मृत्यु हो गई। परिजनों ने बताया कि ग्राम खैरा में उपस्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ महिला स्वास्थ्य कर्मी कभी भी केन्द्र पर उपस्थित नहीं रहतीं। अधिकतर समय केन्द्र में ताले लगे रहते हैं। गांव में समय पर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पाने की वजह से ही दो मौतें हुई हैं। जयस ने ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि दादा और पोती की मौत के लिए जिम्मेदार स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और पीड़ित परिवार को दस लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाहियों पर अंकुश लगाया जा सके।
नोटिस के बाद भी नहीं सुधरी व्यवस्था, कौन है दो मौतों का जिम्मेदार
जयस प्रदेश संयोजक जामवंत सिंह कुमरे ने बताया कि ग्राम पंचायत खैरा के उपस्वास्थ्य केंद्र को लेकर कुछ दिन पहले भी ग्रामीणों ने समय पर प्राथमिक उपचार न मिलने की शिकायत की थी। ग्रामीणों का आरोप था कि केंद्र में सीएचओ और एएनएम पदस्थ होने के बावजूद अधिकतर समय ताले लगे रहते हैं और कोई स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिलतीं। इस शिकायत के बाद बीएमओ डॉ. निगवाल ने दोनों स्वास्थ्य कर्मियों को नोटिस जारी कर आगे कार्रवाई करने की बात कही थी। बावजूद इसके, स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ और अब लापरवाही की वजह से एक वृद्ध और उसकी पोती की जान चली गई। जयस ने इसे प्रशासन की घोर लापरवाही बताते हुए जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। कुमरे ने कहा यदि कार्यवाही नही होती है तो बीएमओ को भीमपुर से हटाने की मांग कलेक्टर महोदय के सामने रखेंगे