बैतूल:- प्रदेश कांग्रेस ने ईओडब्ल्यू में दर्ज करवाई बैतूल के एसबीएम घोटाले की शिकायत, भाजपा नेताओं और अफसरों की मिलीभगत के लगाए आरोप
Betul:- State Congress lodged a complaint of Betul's SBM scam in EOW, alleged collusion of BJP leaders and officers

बैतूल:- मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय डेलीगेशन ने बैतूल जिले की चिचोली और भीमपुर जनपद पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन और मनरेगा योजनाओं के अंतर्गत 13 करोड़ 21 लाख रुपये के कथित घोटाले को लेकर आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) भोपाल में शिकायत दर्ज कराई। कांग्रेस ने इस मामले में गबन में लिप्त अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करने और कठोर कार्रवाई की मांग की है।
1. इससे पहले भी इस घोटाले को लेकर प्रदेश कांग्रेस सचिव मनोज आर्य के नेतृत्व में चिचोली में धरना-प्रदर्शन किया गया था, जिसमें थाना प्रभारी चिचोली और तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर नामजद एफआईआर की मांग की गई थी। इसके बाद मनोज आर्य के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल भोपाल पहुंचा और इस गंभीर आर्थिक अपराध से जुड़े दस्तावेज पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और पार्टी के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी को सौंपे गए थे।
2. मामले की गंभीरता को देखते हुए अब कांग्रेस ने इस भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक संघर्ष का ऐलान कर दिया है। मीडिया विभाग के अध्यक्ष डॉ. मुकेश नायक की अध्यक्षता में आयोजित प्रेस वार्ता में पूर्व प्रदेश सचिव मनोज आर्य और प्रदेश प्रवक्ता डॉ. विक्रम चौधरी ने इस घोटाले का विस्तार से खुलासा किया। उन्होंने बताया कि देश की सबसे प्रतिष्ठित योजनाओं में से एक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) को किस प्रकार भ्रष्टाचार के दलदल में धकेला गया है।
– डीएससी का दुरुपयोग कर करोड़ों के फर्जी भुगतान:-
मनोज आर्य ने बताया कि वर्ष 2021 से 2025 के बीच चिचोली और भीमपुर जनपद पंचायतों में सीईओ के डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (डीएससी) का दुरुपयोग कर करोड़ों रुपये के फर्जी भुगतान किए गए। इसमें तीन जिला पंचायत सीईओ और आठ जनपद पंचायत सीईओ की भूमिका संदिग्ध है। इस पूरे मामले में टी. हरिओम पटेल और अन्य नागरिकों ने थाना चिचोली में एफआईआर दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया है, साथ ही एक ज्ञापन जिला कलेक्टर बैतूल के नाम भी सौंपा गया है, जिसमें दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की गई है।
1. मनोज आर्य ने अन्य योजनाओं में हुए भ्रष्टाचार का भी पर्दाफाश किया, जिनमें अमृत सरोवर योजना में 7 करोड़ 53 लाख रुपये का गबन, आंगनबाड़ी मरम्मत कार्य में 32 लाख 90 हजार रुपये का भ्रष्टाचार, तथा भू-स्वामित्व और सरकारी जमीनों का अवैध हस्तांतरण शामिल है। आर्य ने इन सभी मामलों की सीबीआई या उच्च न्यायिक जांच की मांग की है।
– 2021 से 2025 के बीच नहीं हुआ कोई नियमित ऑडिट:-
कांग्रेस का कहना है कि यह केवल बैतूल जिले का मामला नहीं, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में फैला हुआ व्यापक घोटाला है। स्वच्छ भारत मिशन में 2021 से 2025 के बीच कोई नियमित ऑडिट नहीं हुआ, और बिना उपयोगिता प्रमाणपत्र के फर्जी भुगतान किए गए, जो वित्तीय नियमों का खुला उल्लंघन है।
1. मनोज आर्य ने कहा कि जिन अधिकारियों के डिजिटल सिग्नेचर से यह भुगतान हुआ, उन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। छोटे कर्मचारियों को फंसाकर बड़े अधिकारियों और नेताओं को बचाने का खेल चल रहा है। उन्होंने बताया कि इस घोटाले में दो भाजपा नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है, जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि यह घोटाला राजनीतिक संरक्षण के तहत हुआ है।
– शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो होगा प्रदेशव्यापी जन आंदोलन:-
डॉ. मुकेश नायक ने कहा कि इस महाघोटाले का कुल अनुमानित आंकड़ा 21 हजार करोड़ रुपये से अधिक का है, जो कि मध्यप्रदेश के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला बन सकता है। कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो प्रदेशव्यापी जन आंदोलन छेड़ा जाएगा और हर गांव, हर पंचायत तक इस सच्चाई को पहुंचाया जाएगा।
कांग्रेस का यह भी आरोप है कि यह घोटाला भारतीय जनता पार्टी के नेताओं, शासन और प्रशासन की मिलीभगत से हुआ एक सुनियोजित षड्यंत्र है।