बैतूल:-पुश्तैनी जमीन पर जबरन कब्जा करने का आरोप, जनसुनवाई में की शिकायत, 25 एकड़ जमीन पर दबंगई से कब्जा, कार्रवाई की मांग अवैध कब्जे और फर्जी पट्टे का खेल
Betul: Allegation of forceful occupation of ancestral land, complaint made in public hearing, domineering occupation of 25 acres of land, demand for action, game of illegal occupation and fake lease

बैतूल:- पुश्तैनी जमीन पर दबंगई से कब्जे की शिकायत लेकर एक महिला ने अपने पुत्र के माध्यम से जनसुनवाई में कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है। महिला का आरोप है कि उसकी पुश्तैनी जमीन पर अवैध कब्जा कर फर्जी पट्टे बनाए जा रहे हैं, जिससे परिवार के जीवनयापन पर गंभीर संकट पैदा हो गया है। पीड़िता ने अधिकारियों से मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
1. शिकायतकर्ता ममता राय ने जनसुनवाई में शिकायत दर्ज कराई है कि अनावेदक राघु शिबु और उनकी बहन द्वारा उनकी पुश्तैनी जमीन पर जबरन कब्जा किया जा रहा है। ममता ने बताया कि उन्हें वर्ष 1972 में पुनर्वास विभाग शाहपुर द्वारा शरणार्थी के रूप में ग्राम चोपना-2 में आवास और पुनर्वास हेतु भूमि आवंटित की गई थी, जिसका खसरा नंबर 73, रकबा 0.3000 हेक्टेयर और प.ह.नं. 10 है।
ममता का आरोप है कि अनावेदकगण उनकी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं और उनके परिवार के लोग ग्राम आमडोह में भी खसरा नंबर 549, 548, 585, 517 एवं चोपना-2 में खसरा नंबर 166, 167, 6, 74 पर भी दबंगई से कब्जा कर रहे हैं। इतना ही नहीं, अनावेदक की बहन, जो नूराबाद में शादी कर चुकी है, उसे भी बुलाकर 25 एकड़ भूमि पर कब्जा किया गया है, जिसमें से 5 एकड़ भूमि आमला निवासी सुबोल सरकार को 5 लाख रुपये में बेच दी गई है।
2. ममता का कहना है कि अनावेदक उन्हें धमकी देते हैं कि यदि वे अपनी जमीन से नहीं हटीं तो उनके हाथ-पैर तोड़ दिए जाएंगे। इसके अलावा, अनावेदक यह भी कहता है कि वह पटवारी और तहसीलदार को पैसा देकर जमीन का नामांतरण अपने नाम करवा लेगा। ममता का यह भी आरोप है कि अनावेदक और उसकी बहन फर्जी दस्तावेज बनाकर जमीनों पर अवैध कब्जे कर रहे हैं और स्थानीय अधिकारियों को प्रभावित कर नाम हटवा रहे हैं।
3. ममता ने अपनी शिकायत में यह भी कहा कि वह एक गरीब विधवा महिला हैं उसके परिवार का भरण-पोषण इसी जमीन से होता है। अगर उनकी जमीन छीन ली गई तो उन्हें मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि उनकी शिकायत की गंभीरता से जांच की जाए और अनावेदकगण के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि उन्हें उनकी जमीन से बेदखल होने से रोका जा सके।