बैतूल: अश्वगंधा की खेती को लेकर वन समितियों को मिला प्रशिक्षण आज महिला आईटीआई में होगी प्रजनन स्वास्थ्य पर कार्यशाला अश्वगंधा की खेती से आत्मनिर्भर बनेंगे किसान
Betul: Forest committees got training on cultivation of Ashwagandha. Workshop on reproductive health will be held today in women's ITI. Farmers will become self-reliant through cultivation of Ashwagandha.

बैतूल: जिला आयुष अधिकारी कार्यालय बैतूल के सभाकक्ष में बुधवार 23 अप्रैल को देवारण्य योजना के अंतर्गत वन प्रबंधन समितियों को अश्वगंधा की खेती को बढ़ावा देने हेतु जिला स्तरीय प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ महेश राठौर, उपाध्यक्ष नगरपालिका परिषद बैतूल द्वारा किया गया। उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए आयुष और वन विभाग की योजनाओं के लाभ उठाने की अपील की।
1. कार्यक्रम में डॉ. योगेश चौकीकर, जिला आयुष अधिकारी बैतूल ने अश्वगंधा की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य और देवारण्य योजना की भूमिका पर प्रकाश डाला। डॉ. आर. डी. बारपेटे, कृषि वैज्ञानिक ने अश्वगंधा की खेती के तरीकों, रोग नियंत्रण, मृदा उपचार और भण्डारण की विधियों पर विस्तार से जानकारी दी। वाय. के. गुजरे, वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी ने मृदा परीक्षण और सिंचाई की वैज्ञानिक विधियों पर जानकारी दी।
2. एस. लहरपुरे, प्रोफेसर वनस्पति विज्ञान ने अश्वगंधा के औषधीय गुणों और गुणधर्मों को सरल भाषा में समझाया। संजय यादव, परियोजना अधिकारी मनरेगा, जिला पंचायत बैतूल ने पौधारोपण के साथ रोजगार की संभावनाओं पर चर्चा की। विशाल वाघले, उद्यानिकी विभाग ने विभागीय योजनाओं की जानकारी दी जिससे किसानों को योजनाओं का लाभ मिल सके। अंत में कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन डॉ. मनक धुर्वे, आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी एवं देवारण्य योजना के नोडल अधिकारी द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ. अजय माण्डवे, डॉ. रवि चौकीकर, डॉ. अतुल राय, डॉ. विशाल वर्मा, डॉ. वीरेन्द्र सिंह शाक्य, डॉ. मनोज सूर्यवंशी, डॉ. निधि मालवीय, डॉ. आकांक्षा डोंगरे, डॉ. शिल्पा धोटे, डॉ. ज्ञानेश्वर झरबड़े एवं डॉ. युवराज सूर्यवंशी उपस्थित रहे।
3. प्रजनन स्वास्थ्य विषय पर कार्यशाला
इसके साथ ही आज 24 अप्रैल को शासकीय एकलव्य महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था, बैतूल में प्रजनन स्वास्थ्य विषय पर कार्यशाला आयोजित की जाएगी। इस कार्यशाला में आरटीआई, एसटीआई संक्रमण, एचआईवी / एड्स और परिवार नियोजन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दी जाएगी, जिसमें प्रशिक्षकों द्वारा युवतियों और महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा।