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बैतूल: 52 लाख की सड़क पर लिपापोती गेहूं बारसा-नागाढाना सड़क निर्माण में हो रहा भ्रष्टाचार जिला पंचायत सदस्य ने प्रभारी मंत्री से की शिकायत

Betul: Corruption in the construction of Barsa-Nagadhana road, wheat whitewashing on road worth 52 lakhs, district panchayat member complains to the minister in charge

बैतूल:  विकासखंड प्रभात पट्टन की ग्राम पंचायत गेहूंबारसा से नागाढाना तक बन रही सुदूर सड़क निर्माण में अनियमितता और भ्रष्टाचार को लेकर जिला पंचायत सदस्य उर्मिला गव्हाडे ने मध्यप्रदेश शासन के प्रभारी मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत गेहूं बारसा में लगभग 52 लाख रुपये की लागत से सड़क निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन कार्य पूरी तरह से गुणवत्ताहीन और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा हुआ है।
1. उर्मिला गव्हाडे स्वयं मौके पर पहुंचीं और सड़क निर्माण की वास्तविक स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि आरईएस विभाग के अधिकारियों और ठेकेदार की मिलीभगत से सड़क निर्माण में भारी अनियमितता हो रही है। सिर्फ कागजों में काम दिखाकर राशि निकाली जा रही है। सड़क की गुणवत्ता बेहद खराब है और केवल खाना पूर्ति के लिए मुरूम डाला जा रहा है। बारिश से पहले ही यह सड़क बहने की स्थिति में है।
2. उन्होंने बताया कि पहले भी इस मार्ग में गड़बड़ी की शिकायत कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ बैतूल से की गई थी, जिस पर जांच दल गठित कर जांच भी करवाई गई, लेकिन रिपोर्ट आने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। जब जिला पंचायत की बैठक में इस विषय को उठाया गया, तब आरईएस के ईई श्री मरकाम ने सड़क को गुणवत्तापूर्ण बताया। जब स्वतंत्र इंजीनियरिंग टीम से जांच कराने की बात आई, तो आनन-फानन में मुरूम डालने का काम शुरू कर दिया गया।
3. सड़क निर्माण में मजदूरों के स्थान पर जेसीबी और लेवलिंग मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। इससे नागाढाना के स्थानीय मजदूरों को रोजगार से वंचित होना पड़ रहा है और वे आजीविका के लिए पलायन करने को मजबूर हैं। सड़क पर मुरूम डाले जाने के बाद बिना पानी डाले सूखा बेलन घुमाया जा रहा है, जिससे सड़क की मजबूती और टिकाऊपन पर सवाल उठ रहे हैं। सड़क की ऊंचाई भी निर्धारित एसओआर मानकों के अनुरूप नहीं है।
4. उर्मिला गव्हाडे ने बताया कि वे एक कार्यक्रम के दौरान नागाढाना पहुंचीं थीं, जहां ग्रामीणों ने उन्हें सड़क की समस्या बताई। उन्होंने तुरंत जिला पंचायत की बैठक में इस विषय को प्रमुखता से उठाया और आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के इस गांव के लिए सड़क निर्माण को स्वीकृति दिलवाई। उनका उद्देश्य था कि इस क्षेत्र में निवासरत श्रमिक वर्ग के लोगों को आने-जाने में सुविधा मिले, लेकिन अफसरों और ठेकेदारों की मिलीभगत से सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार किया जा रहा है। उन्होंने मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल से आग्रह किया है कि वे इस मामले में गंभीरता से संज्ञान लें और गुणवत्तापूर्ण सड़क निर्माण सुनिश्चित करवाएं। उर्मिला गव्हाडे ने कहा कि वे चाहती हैं कि उनके जिला पंचायत क्षेत्र में हर कार्य सही तरीके से हो और लोगों को लाभ मिले।

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